कौन बैठा है ?

वो देखो मौन बैठा है।
शाख पर।
वो देखो कौन बैठा है ?
शाख पर।
तुम भी हो इसके निशाने पर
जरा बच के जरा छुप के भाई
वो जीता है तुम्हे ही मारकर ।
चीत्कार सुनी होगी तुमने
बड़ी तीखी है उसकी ।
पकड़ बहुत गहरे हैं
पंजे हैं पैनी उसकी ।।
जरा संभल कर आँखे मिलाना
वो आँखों की गोंटियाँ खेलता है।

Comments

Popular posts from this blog

Jagannath Puri

जुग दो बोदोल एन।

Sculptor Sri Binod Singh (मूर्तिशिल्पी आचार्य श्री बिनोद सिंह)