एक भविष्यद्वक्ता
एक भविष्यद्वक्ता ने मुझसे कहा- " जानते हो साहेब ! तुम्हारी जाति 25 वर्षों में विलुप्त होने वाली है। " मेरे आँखों के सामने मुझे लगा ये व्यक्ति मेरे मुख पर थूक रहा है और मैं कुछ नहीं कर पा रहा। मैं जानता हूँ कितनी पुरानी संस्कृति है हमारी फिर रही है मारी मारी कहीं उसकी बात सच न हो जाये ! मैं तो चाँद सौदागर कि तरह लोहे का घर बनाने चला हूँ। पर मुझे विश्वास है भविष्यद्वक्ता के हिसाब से मरेगी जरुर लेकिन पुनर्जन्म भी लेगी। मैं नव विवाहित संगी हूँ। सति बेहुला कि तरह मैं अपनी संस्कृति को कभी नहीं छोडूंगा। चाहे मुझे जितना कष्ट क्योँ न उठाना पड़े। और विश्वास है मैं उसे जीवित फिर से देख पाउँगा। इससे ज्यादा वैभव और समृद्ध। जिस तरह चाँद सौदागर ने पाया था। -साहेब राम टुडू