शांत प्रशांत महासागर

लोग कभी मरना नहीं चाहता ,
जवान कभी बुड्ढा नहीं होना चाहता।
उसी तरह समय भी अतीत में नहीं
वर्तमान बनकर वापस आता है।

जो शांत बैठा समुद्र है
वो फिर से मंथन करने बैठता है।
लोग अचंभित होतें हैं
कि शांत प्रशांत महासागर
आज हिमालय की तरह खड़ी होकर
आकाश क्यों ढँक रही है ?

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