पहचान बंगाल के लोग पूछते हैं, दक्षिण भारतीय हो ? नहीं, मैं यहीं का हूँ। बंगाली तो नहीं लगते ! मैं कहता हूँ -संथाल हूँ। ओ क्रिस्चियन हो ! नहीं, मैं संथाल हूँ। क्रिस्चियन नहीं हो तो क्या हो ? हमारी अपनी कोई पहचान नहीं रह गई क्या ? कल लोग पहाड़ से पूछेंगे तुम क्या हो ? कल लोग पेड़ से पूछेंगे तुम क्या हो ? कल लोग नदी से पूछेंगे तुम क्या हो ? इससे पहले की लोग मरा हुआ समझे मैं बता देना चाहता हूँ मैं एक शाश्वत परमात्मा का अंश हूँ प्रकृति मेरी माँ है सूर्य मेरा पिता ! इससे बड़ा मेरा कोई धरम नहीं और इससे बड़ी कोई मेरी आस्था नहीं। -साहेब राम टुडू