क्रांति ! क्रांति ! की ही गूंज है चारों और , प्राणों के भीतर, अंतरात्मा के अंदर , आओ भाइयों हम याद करें उन वीर शहीदों को ! धुप हो या हो गर्मी, बारिश हो या हो ओला , ठंडी हो या हो शीत, भूख हो या हो तृष्णा , दुश्मनों को खदड़ने पूर्वजों ने जंग किये थे ! जंगल हो या हो पहाड़, नदी हो या हो नाला , धरती हो या हो मिट्टी, जल हो या हो सागर , दुश्मनों को ख़त्म करने पूर्वजों ने उमंगें भरे थे ! जाति हो या हो धर्म, संस्कृति हो या हो सभ्यता , रीती हो या हो रिवाज, भाषा हो या हो समाज, संरक्षण और सँवारने को योद्धाओं ने जोश भरे थे! तीर हो या हो कमान,भाला हो या हो तलवार, टांगा हो या हो छुरी , लाठी हो या हो ढाल , बच्चे हो या हो महिला सभी ने युद्ध के मैदान में कूद पड़े थे ! सिंगा हो या हो तुरही, करताल हो या हो झांझ , मादल हो या हो नगाडा, रागड़ा हो या हो घंटी , दुश्मनों को नष्ट करने पूर्वजों ने खून की होली खेले थे !
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Showing posts from June, 2017
আপুঞ আম দ মেনাম গেয়া
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হাসা দ হাসা গে তাঁহে কানা , হয় দ হয় ! মেনখান মানে বদল এনা , যে হিলক আপুঞাক্ জাং বাহা আতু কেৎ বহই !! দাক্ দ দাক্ তাঁহে কানা , সেঙ্গেল দ সেঙ্গেল ! মেনখান মানে বদল এনা , যে হিলক ইঙ এমাদে মোচা রে সেঙ্গেল !! তরচ দ তরচ তাঁহে কানা , আঙরা দ আঙরা ! মেনখান মানে বদল এনা , নোওয়া ধুরি ধারতি রে মেসা এন তোরা !! অত দ অত গে তাঁহে কানা , ধারতি দ ধারতি ! সানাম রেয়াক মানে বদল এনা , যে হিলক আপুঞাক্ ইড়িচ এনা জীবন বাতি !! সেরমা দ সেরমা তাঁহে কানা , ইপিল দ ইপিল ! তিহিঙ দ গোটাই বিলীন এনা , গিতিল হং গিতিল, রিমিল হং রিমিল !! ধারতি আম দম বাহা গেয়া , সেরমা আম দম সাজাক্ গেয়া , আপুঃঙ অকা রেঙ ঞামে , অকা রেদ অহাই ইঙ পাঞ্জা কেয়া? সিং চাঁদ রূপ রে ডিগ -ডিগ ! নিন্দা চাঁদ কুনামী তেরদেচ্ !! আপুঞ আম দ মেনাম গেয়া , গোটা ধারতি রে পেরেচ্ !! বাহা রেয়াঃ সং রে মেনাম , হয় রেয়াঃজিওয়ী দাঁড়ে রে !! তলাস মেরে জিওয়ী রে মেনাম , আঢ়াঙ তাম জীব-জিয়ালী রে !! ____________________________