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Showing posts from January, 2014

धोरोम दोई बागी आक बोना

लिन्जित ऐना मेत दाक दुलार , सोबोक ऐना नोवा ओनतोर। ओकोई चेतान रें  गोरोब इन दो धिनांग तुम्बुक ऐना बोहोक इनाक तिहिंग दुलार ! संथाल ! ओकोई रॊफा बोन आबो दो जोखों आबो रेन  होपोनएरा गे  बाबो उरुम दारे आको नित दो इनक गोरोब दो गुचाओ ऐना धोरोम नित दो अबोआ पाताल रे चलाऊ ऐना। संथाल आम  ठेन नोवा  गे  मचाक रोपोड़ तिहिंग सीता नायो लेका धोरोम दोई बागी आक  बोना  उनुमोक लागित राम लेका तैयार ताहे पे मानमी तिहिंग पंडरा होपोन लेका आबोआक संस्कृति निश्चय चाबाक ताबोना। तिहिंग बीरभूम रे काइ पासनाओ ऐना दुलार नित दो रॊफाई लागित आर चेक़ ताहे  ऐना ? तिहीं आबोयक  आचार-बिचार सानाम सोडोम लोटों ऐना आबोरेन हापराम को तिहिंग दो को देया केत  बोना। लिन्जित ऐना मेत दाक दुलार , सोबोक ऐना नोवा ओनतोर। ओकोई चेतान रें  गोरोब इन दो धिनांग तुम्बुक ऐना बोहोक इनाक तिहिंग दुलार !

तारा

भीगी- भीगी नमी- नमी सी हैं रातें जली- जली बुझी- बुझी सी हैं सांसे ओश से बिखरे हुए हैं अरमान धुली -धुली, घुली- घुली सी हैं आसमान पत्रदल सी शिथिल हैं यादें अधखिली सी हैं फर्यादें भीगे हुए तितली सी है ये मन लताओं के बीच फसी हुई हैं यादें गंभीर रेगिस्तान सा पड़ा है ये मन किसी संदूक में पड़ा हो कोई हीरा टुटा असमान से कोई तारा दूर कहीं हो अलग जा गिरा ...