Posts

Showing posts from August, 2013

एक फाराओ !

एक फराओ ! वीरों ! मजदूरों और गरीबों !  के कंकाल के उप्पर अपना पिरामिड बनाया। प्रजा के हक़ मार-मार कर अपना परचम लहराता रहा। आज वो गरीबों के हक़ की अनाज , अम्बर और आवास के लिए विधान संहिता बना रही है। -साहेब राम टुडू 

एक शहंशाह ने

एक शहंशाह ने बेमिशाल (अद्वितीय) ताजमहल बनाया और कारीगारों के हाथ काट दिया कि कोई दूसरा ताजमल खड़ा न कर पाय। अभी भी कुछ उनके वंशज रह गए हैं। जो लोगों के हाथ काट - काट कर ताजमहल बना रहें हैं।  

Storied House

Storied House https://vimeo.com/21745846 

Indigenous tribe

Image

ईसा ने कहा है -

ईसा ने कहा है - जिसे है उसे और दिया जायेगा और जिसके पास कुछ नहीं उससे वो भी ले लिया जायेगा जो उसके पास है। शायद इसीलिए आज आदिम जातियों के पास जो है वो भी छिना जा रहा है और वो उसे दिया जा रहा है जिसके पास पहले से सुलभ है। गरीबों के पास से तो उनके तन के कपडे और पेट की रोटी भी छिनी जा रही है। सफ़ेद पुतले जो तुम्हें काले नजर आते हैं इनकी देह की रंग चुराई हुई है। अचरज मत होना दिन दूर नहीं , ये जाति मरी हुई अवस्था में कलकत्ते की संग्रहालय में दिख जाय। मिस्र की उस सड़ी हुई लास की तरह ! भारत में पत्थरों की पूजा होती है। जिन्दा इन्सान के आगे  ये लोग चावल के चंद दाने फेंक के चले जाते हैं। ईसा की बात सच निकली …

पहचान

पहचान बंगाल के लोग पूछते हैं, दक्षिण भारतीय हो ? नहीं, मैं यहीं का हूँ। बंगाली तो नहीं लगते ! मैं कहता हूँ -संथाल हूँ। ओ क्रिस्चियन हो ! नहीं, मैं संथाल हूँ। क्रिस्चियन नहीं हो तो क्या हो ? हमारी अपनी कोई पहचान नहीं रह गई क्या ? कल लोग पहाड़ से पूछेंगे तुम क्या हो ? कल लोग पेड़ से पूछेंगे तुम क्या हो ? कल लोग नदी से पूछेंगे तुम क्या हो ? इससे पहले की  लोग मरा हुआ समझे मैं बता देना चाहता हूँ मैं एक शाश्वत परमात्मा का अंश हूँ प्रकृति मेरी माँ है सूर्य मेरा पिता ! इससे बड़ा मेरा कोई धरम नहीं और इससे बड़ी  कोई मेरी आस्था नहीं। -साहेब राम टुडू 

ईशा से पूछना था

ईशा से पूछना था मैं क्यों क्रूसित हुआ आपके साथ ?

कोलकाता की याद में

इमारतें ऊँची हो गई आसमान को पैरों तले कर लिया चाल में उड़ान आ गई , पर हमारी मति थोड़ी धीमी रह गई। बारिश के पानी हमें हमारी असलियत रास्तों पर दिखा रही है , कि अपनी गंदगी हमने बहाया नहीं। नहाने के लिए द्वार पर जमा कर रखा है। ___साहेब राम टुडू 

Exploration with vegetable color

Image